26 जनवरी : गणतंत्र दिवस

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गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इसे सभी धर्मो के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन भारत गणतंत्र बना था तथा भारत को सही मायनों में स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता तो मिल गई थी, परंतु तब भारत का अपना कोई संविधान नहीं था। देश का संविधान 26 जनवरी, 1950  को लागू हुआ, तभी से यह दिन गणतंत्र दिवस दिवस के रुप में मनाया जाता है।

इस दिन इण्डिया गेट पर राष्ट्रपति तीनों सेनाओं की सलामी लेते हैं। विजय चौक तथा राजपथ पर लाखों लोग इस उत्सव को देखने के लिए एकत्रित होते हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है तथा राष्ट्रगान होता है, जिसके पश्चात सेना के तीनों अंगों की टुकडियां तथा पुलिस दस राष्ट्रपति को सलामी देते हुए निकलते हैं।

इस अवसर पर अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है तथा विभिन्न राज्यों को झाकियां निकलती है। विभिन्न राज्यों से आए लोकनर्तक, विद्यालयों के विद्यार्थी तथा सेना व पुलिस के बैण्डवादक भी अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए निकल्ते है। इस अवसर पर साहस व वीरता के लिए पुरस्कृत बच्चों व सैनिकों की झांकी भी निकलती है। सलामी का अंतिम चरण बहुत ही आनन्दपूर्ण होता है। वायुसेना के विमान आकाश में अनेक करतब दिखाते हुए उडते है। 26 जनवरी को सायंकाल में सरकारी भवनों एवं राष्ट्रपति भवन पर रोशनी की जाती है।

 

26 जनवरी हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है, जो हमारे ह्रदय में राष्ट्रीयता की ज्योति जगाकर हमें नव-स्फूर्ति प्रदान करता है। यह पर्व हमें उन अमर सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान दिया। आज देश में चारों ओर हिंसा, आतंकवाद तथा जातिवाद का बोल-बाला है। यदि इन्हें समाप्त नहीं किया गया, तो देश की अखण्डता, एकता तथा स्वाधीनता खतरे में पढ सकती है। अत: हमारा कर्तव्य है कि भारत की स्वाधीनता की रक्षा के लिए आपसी भेदभाव को भुला दें और राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें।

 

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