सरकार खुश है कि मानसून सामान्य से अधिक

सरकार खुश है कि मानसून सामान्य से अधिक है।

सरकार खुश है कि मानसून सामान्य से अधिक है। क्या इस तरह की खुशियां, जो प्रकृति पर आधारित है, वाकई सरकार की उपलब्धि हैं? कदापि नही। सरकार संरचना क्षेत्र में तेजी से निवेश करना चाहती है। सरकार ने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है जिससे बरसात का पानी एकत्र करके जन सामान्य को पूरे साल उपलब्ध कराया जाए। पानी के बिना सारी संरचना बेकार है, सड़कें बेकार हैं, रेल बेकार है। अत: सरकार को चाहिए कि एक कारोबारी विचारधारा के अनुसार पहले मुफ्त में मिलने वाले वर्षा जल के संचय की योजना बनाए ताकि जमीनी जल स्त्रोत सुरक्षित रहें और लम्बे समय तक जन जीवन की प्यास बुझाते रहें।

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