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आजकल हर दिन न्यूज में एक चर्चा रहती है कि बैंको का NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बढ गया है।

आजकल हर दिन न्यूज में एक चर्चा रहती है कि बैंको का NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बढ गया है। चिंता का विषय है कि 1.30 करोड करदाता का पैसा बैंको ने कुछ असरदार बडे उद्दोगपतियों को ऋण में दे दिया और यह डूब गया। सरकार में एक ऐसा गढ्ढा है जिसके बारे में किसी को भी जानकारी नही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 157 केन्द्रिय उपक्रमो (Public Sector) का कुल घाटा 1.1 ट्रिलीयम यानि 1.1 करोड खरब है। यह साबित होता है कि व्यापार करना सरकारो का कार्य नही है। एक व्यापारिक कौशल से ही देश चल सकता है ना कि मात्र राजनीतिक कौशल से।

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