पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में राजा कारोबारियों को टà
Course- INDIAN BUSINESS PARTY-VIEWS >
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में राजा कारोबारियों को टैकà¥à¤¸ के à¤à¤µà¤œ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ देता था और कारोबारी मà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° करते थे। आज परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बदल गई हैं। कारोबारी टैकà¥à¤¸ तो देता है पर सरकारें सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ देने में असमरà¥à¤¥ हैं। आठदिन अखबारों में खबर आती है कि कारोबारी को लूट लिया गया या अवैध मांग पूरी नहीं करने पर मार डाला गया। कारोबारी अथवा उसके किसी करीबी का फिरौती के लिठअपहरण जैसे मामले तो होते रहते हैं। मंतà¥à¤°à¥€-नेता तो à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•म सिकà¥à¤¯à¥‚रिटी लेकर चलते हैं। इसका खरà¥à¤š वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से वसूले गठटैकà¥à¤¸ से ही चà¥à¤•ाया जाता है। दूसरी तरफ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ की कोई सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ नही होती। अà¤à¥€ हाल ही में दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥à¤—à¥à¤—ी à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¤¼à¥€ में रहने वाले लोगों ने दांतों के à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° को पीट-पीट कर मार डाला। सà¤à¥€ राजनीतिक दल चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ साधे रहे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¥à¤—à¥à¤—ी à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¤¼à¥€ वाले (जो à¤à¤• à¤à¥€ पैसा टैकà¥à¤¸ नहीं देते बलà¥à¤•ि सरकारी सबसिडी खाते हैं) सà¤à¥€ दलों के वोट बैंक हैं।
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ चाहिठकि अपनी समसà¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ को à¤à¤•तà¥à¤°à¤¿à¤¤ करके राजनीति में अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बनाà¤à¤‚ ताकि कोई à¤à¥€ राजनीतिक दल वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की अनदेखी न कर पाà¤à¤‚।